आज़ादी
हमने दी हैं आज़ादी चिड़िया को
नहीं कतरे हैं पंख उसके
उड़ने की पूरी आज़ादी हैं उसको
पिंजरे के अंदर
क्योंकि वो आसमान मे सुरक्षित नहीं हैं
उसके लिए आज़ादी इतनी हैं कि
वी फड़फड़ा सकती हैं अपने पंख
: नफीस
आलम
(गुरमेहर कौर को समर्पित)